वैज्ञानिक का दावा- 27 फीट की दूरी तय कर सकता है वायरस, सोशल डिस्टेसिंग के नए मानक अपनाने होंगे

कोरोनावायरस जैसे खतरनाक संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का दायरा अब बढ़ाना होगा। 1- 2 फीट नहीं, बल्कि कम से कम 27 फीट (लगभग आठ मीटर) की दूरी बनानी होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट्स (छींक और खांसी के कण) में मौजूद वायरस 27 फीट की दूरी तय कर सकता है। मतलब अगर कोई संक्रमित व्यक्ति आपसे 26 फीट की दूरी पर है और वह छींक रहा है तो यह संभव है कि उसका ड्रॉपलेट आप तक पहुंच जाए और आप संक्रमण की चपेट में आ जाएं। यह खुलासा अमेरिका के मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के वैज्ञानिक ने किया है। एसोसिएट प्रोफेसर लिडिया बॉरुइबा ने इस पर शोध किया। उन्होंने ड्रॉपलेट्स की गति पर अध्ययन किया है। न्यूयॉर्क पोस्ट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक प्रोफेसर ने शोध में यह पाया कि ड्रॉपलेट्स में मौजूद सभी तरह के आकारों वाले कण 23 से 27 फीट की दूरी तय कर सकते हैं। यही नहीं, हवा में वायरस लंबे समय तक जिंदा रहता है। इस शोध को अमेरिकल मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिष्ठित जर्नल में प्रकाशित किया गया है। 


प्रोफेसर ने सोशल डिस्टेंसिंग के पुराने नियम को बेअसर बताया
प्रोफेसर बॉरुइबा ने सोशल डिस्टेंसिंग के पुराने मॉडल को बेअसर बताया। बॉरुइबा के मुताबिक, यह मॉडल 1930 के दशक पर आधारित हैं। तब सोशल डिस्टेंसिंग के लिए छह फीट की दूरी काफी थी, लेकिन आज की दौर में छह फीट की दूरी का कोई फायदा नहीं है। शोध के जरिए बॉरुइबा ने चेतावनी दी है कि ड्रॉपलेट्स जमीनी सतहों को भी दूषित कर सकती हैं। इसकी छोटी सी बूंद भी लंबे समय तक हवा में मौजूद रहती है। उन्होंने कहा कि अगर सोशल डिस्टेंसिंग के तरीकों में बदलाव नहीं हुआ तो यह संक्रमण रूकने वाला नहीं है।



एमआईटी की एसोसिएट प्रोफेसर लिडिया बॉरुइबा।


चीन में वेंटिलेशन सिस्टम में भी पाए गए थे वायरस 
न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, हाल ही में चीन के वैज्ञानिकों ने भी इस पर शोध किया था। उन्होंने कोविड-19 से संक्रमितों के इलाज के लिए बने हॉस्पिटल में शोध किया। यह पाया कि कोविड-19 से संक्रमित मरीज के इलाज में प्रयोग में लाए गए वेंटिलेशन सिस्टम में भी वायरस के कण मौजूद थे। इसलिए संक्रमित मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को अधिक सावधानी बरतनी होगी। 


डब्ल्यूएचओ को गाइडलाइन में बदलाव करना चाहिए
बॉरुइबा ने यूएसए टुडे को दिए इंटरव्यू में बताया है कि वर्तमान में विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी की जा रही गाइडलाइन में संशोधन की जरूरत है। इसे तुरंत लागू करना चाहिए। सोशल डिस्टेंसिंग और इलाज में लगे डॉक्टर्स और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए जो सुरक्षा उपकरणों और जरूरतों को बताया गया है उसमें भी बदलाव करने की जरूरत है। 


डब्ल्यूएचओ ने कहा 3 फीट की दूरी उचित है
विश्व स्वास्थ्य संगठन  ने बॉरुइबा के शोध का स्वागत किया। यूएसए टुडे के अनुसार डब्ल्यूएचओ ने सोशल डिस्टेंसिंग के लिए 3 फीट की दूरी को सुरक्षा के लिहाज से पर्याप्त बताया।संस्था की ओर से कहा गया कि वह कोरोना से जुड़े सभी शोध और अध्ययनों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। अगर इससे जुड़ा कोई अन्य सबूत मिलता है तो वह आगे इसमें बदलाव करने पर विचार कर सकते हैं। 



विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि 3 कदम की दूरी पर्याप्त है। 


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